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Tuesday, February 11, 2025
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हरियाणा की प्रमुख योजनाए (Major schemes of Haryana)

प्रिय पाठकों, आज हम haryanamagazine.com की टीम के माध्यम से आज हम आपके लिए हरियाणा की प्रमुख योजनाए (Major schemes of Haryana),  के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर आए है, जिससे आप आने वाले HSSCSSC, Bank Jobs आदि अनेक प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकते है।

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हरियाणा की प्रमुख योजनाए (Major schemes of Haryana)
हरियाणा की प्रमुख योजनाए (Major schemes of Haryana)

हरियाणा की प्रमुख योजनाए (Major schemes of Haryana)

कृषि और किसान कल्याण से संबंधित योजनाएँ:

1. मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना

  • शुरुआत: 2019
  • उद्देश्य:
    • किसानों को उनकी फसलों का ऑनलाइन पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करना।
    • फसल से संबंधित सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ सीधे किसानों तक पहुँचाना।
    • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मुआवजे का सही तरीके से भुगतान सुनिश्चित करना।

2. हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण

  • शुरुआत: 2017
  • उद्देश्य:
    • किसानों को फसल उत्पादन, फसल बीमा, और कृषि संबंधी वित्तीय सेवाओं में मदद करना।
    • किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें कृषि संबंधित जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करना।
    • कृषि उपकरणों और नई तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देना।

3. मेरा पानी-मेरी विरासत योजना

  • शुरुआत: 2020
  • उद्देश्य:
    • पानी की खपत कम करने और भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए धान जैसी पानी-गहन फसलों की बजाय वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा देना।
    • किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देना।
    • जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करना।

4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (हरियाणा में लागू)

  • शुरुआत: 2016 (हरियाणा में केंद्र सरकार के निर्देश पर लागू)
  • उद्देश्य:
    • प्राकृतिक आपदाओं, कीट संक्रमण, और अन्य जोखिमों के कारण फसलों के नुकसान से किसानों को सुरक्षा प्रदान करना।
    • किसानों को फसल बीमा प्रीमियम पर सब्सिडी उपलब्ध कराना।
    • कृषि क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना।

5. हरियाणा कृषि प्रधान योजना

  • शुरुआत: 2021
  • उद्देश्य:
    • किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
    • जैविक खेती, ड्रिप इरिगेशन, और अन्य नवीन तरीकों को अपनाने में मदद करना।
    • राज्य की कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि करना।

6. सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना

  • शुरुआत: 2016
  • उद्देश्य:
    • किसानों को कृषि कार्यों में सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना।
    • डीजल और बिजली की खपत को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना।
    • सौर ऊर्जा प्रणाली पर सब्सिडी प्रदान करना, जिससे किसानों की लागत कम हो।

7. पराली प्रबंधन योजना

  • शुरुआत: 2018
  • उद्देश्य:
    • पराली जलाने को रोककर पर्यावरण प्रदूषण को कम करना।
    • किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें जैसे स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS), हैप्पी सीडर, और बायो डीकंपोजर उपलब्ध कराना।
    • पराली से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए किसानों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना।

महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण योजनाएँ

1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान

  • शुरुआत: 22 जनवरी 2015 (हरियाणा से राष्ट्रीय स्तर पर शुरू)
  • उद्देश्य:
    • जन्म के समय लिंग अनुपात (Sex Ratio) में सुधार करना।
    • बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उन्हें सामाजिक तथा आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
    • बालिकाओं के प्रति सामाजिक मानसिकता में बदलाव लाना।

2. लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता योजना

  • शुरुआत: 2005
  • उद्देश्य:
    • दो या अधिक बेटियों वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • परिवारों को बेटियों की देखभाल और शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना।
    • बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।

3. सुकन्या समृद्धि योजना (हरियाणा में लागू)

  • शुरुआत: 2015 (केंद्र सरकार की योजना)
  • उद्देश्य:
    • बालिकाओं के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
    • उनकी शिक्षा और शादी के लिए बचत को बढ़ावा देना।
    • माता-पिता को बेटी की भविष्य की जरूरतों के लिए वित्तीय रूप से सक्षम बनाना।

4. मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना

  • शुरुआत: 1999 (संशोधित: 2015)
  • उद्देश्य:
    • गरीब और पिछड़े वर्ग के परिवारों को बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता देना।
    • विवाह में होने वाले खर्च के बोझ को कम करना।
    • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सशक्त बनाना।

5. मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना

  • शुरुआत: 2017
  • उद्देश्य:
    • महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
    • महिला उद्यमियों को कम ब्याज दर पर ऋण और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
    • महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।

6. सुपोषण परियोजना

  • शुरुआत: 2019
  • उद्देश्य:
    • गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, और बच्चों में कुपोषण को समाप्त करना।
    • पोषण स्तर में सुधार करके शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित करना।
    • पोषण के महत्व पर जागरूकता अभियान चलाना।

7. लाडली योजना

  • शुरुआत: 2005
  • उद्देश्य:
    • हरियाणा में बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।
    • परिवार को आर्थिक मदद प्रदान करना ताकि बेटियों की शिक्षा और देखभाल सुनिश्चित हो सके।
    • बाल लिंग अनुपात में सुधार करना।

स्वास्थ्य योजनाएँ

1. चिरायु हरियाणा योजना (आयुष्मान भारत के तहत)

  • शुरुआत: 21 अगस्त 2022
  • उद्देश्य:
    • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
    • प्रत्येक परिवार को सालाना ₹5 लाख तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराना।
    • आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर न होने वाले पात्र परिवारों को भी शामिल करना।

2. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना

  • शुरुआत: 2021
  • उद्देश्य:
    • राज्य के प्रत्येक नागरिक की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करना।
    • घर-घर जाकर बीमारियों का पता लगाना और निःशुल्क चिकित्सा सहायता प्रदान करना।
    • गंभीर बीमारियों का शुरुआती चरण में इलाज सुनिश्चित करना।

3. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM हरियाणा में लागू)

  • शुरुआत: 2005 (केंद्र सरकार द्वारा शुरू, हरियाणा में लागू)
  • उद्देश्य:
    • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना।
    • मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना।
    • प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
    • संचारी और गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन को मजबूत करना।

4. हरियाणा श्रमिक कल्याण स्वास्थ्य योजना

  • शुरुआत: 2008
  • उद्देश्य:
    • निर्माण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
    • श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना।
    • स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करना।

शिक्षा और कौशल विकास योजनाएँ

1. मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना

  • शुरुआत: 2017
  • उद्देश्य:
    • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद करना।
    • 1 से 12वीं कक्षा के छात्रों को शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • छात्रों को स्कूल छोड़ने से रोकना और उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करना।

2. हरियाणा स्किल डेवलपमेंट मिशन (HSDM)

  • शुरुआत: 2015
  • उद्देश्य:
    • राज्य के युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना।
    • रोजगार योग्य कौशल विकसित करना और स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
    • औद्योगिक मांग के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना।
    • महिला उद्यमियों और कमजोर वर्ग के युवाओं को आर्थिक सशक्तिकरण देना।

3. हरियाणा शिक्षा सुधार अभियान

  • शुरुआत: 2014
  • उद्देश्य:
    • प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना।
    • स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षण गुणवत्ता में सुधार करना।
    • डिजिटल शिक्षण और स्मार्ट तकनीकों को बढ़ावा देना।
    • स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना।

4. स्मार्ट कक्षा योजना

  • शुरुआत: 2019
  • उद्देश्य:
    • सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना करना।
    • डिजिटल लर्निंग टूल्स जैसे प्रोजेक्टर, स्मार्ट बोर्ड, और इंटरनेट आधारित शिक्षण सामग्री को लागू करना।
    • छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाना।
    • शिक्षकों के लिए डिजिटल सामग्री तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान करना।

5. हरियाणा स्कूल ड्रेस योजना

  • शुरुआत: 2008
  • उद्देश्य:
    • गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म प्रदान करना।
    • छात्रों के बीच समानता की भावना को प्रोत्साहित करना।
    • स्कूल जाने के लिए बच्चों को प्रेरित करना और उनकी शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ाना।

वरिष्ठ नागरिक और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ

1. हरियाणा वृद्धावस्था पेंशन योजना

  • शुरुआत: 2005
  • उद्देश्य:
    • वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
    • 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को मासिक पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • वृद्ध व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर में सुधार करना।

2. मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना

  • शुरुआत: 2021
  • उद्देश्य:
    • राज्य के गरीब और वंचित परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाना।
    • हर परिवार की वार्षिक आय को कम से कम ₹1.80 लाख तक पहुँचाने में मदद करना।
    • स्वरोजगार और कौशल विकास के माध्यम से परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
    • वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुँचाना।

3. ओल्ड एज सम्मान भत्ता योजना

  • शुरुआत: 2011
  • उद्देश्य:
    • 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को मासिक भत्ता प्रदान करना।
    • उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए वित्तीय सहायता देना।
    • वृद्ध व्यक्तियों की आर्थिक निर्भरता को कम करना।

4. पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना

  • शुरुआत: 2014
  • उद्देश्य:
    • गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को स्वरोजगार के माध्यम से सशक्त बनाना।
    • कौशल विकास प्रशिक्षण, छोटे उद्योगों की स्थापना, और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।
    • गरीब परिवारों की आजीविका में सुधार करना और सामाजिक-आर्थिक असमानता को कम करना।

पर्यावरण और ऊर्जा योजनाएँ

1. हरियाणा वन महोत्सव

  • शुरुआत: 1980
  • उद्देश्य:
    • राज्य में वृक्षारोपण और हरियाली को बढ़ावा देना।
    • पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षों की संख्या में वृद्धि करना।
    • जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से निपटने के लिए हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाना।
    • लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना।

2. सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना

  • शुरुआत: 2016
  • उद्देश्य:
    • कृषि कार्यों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
    • किसानों को सौर ऊर्जा पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करना, ताकि वे बिजली की खपत को कम कर सकें।
    • हरियाणा में स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाने के लिए किसानों और आम नागरिकों को प्रोत्साहित करना।
    • कृषि क्षेत्र में डीजल और बिजली की लागत को कम करना।

3. मेरा पानी-मेरी विरासत योजना

  • शुरुआत: 2020
  • उद्देश्य:
    • पानी की खपत को बचाने और भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए धान जैसी पानी-गहन फसलों की बजाय वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा देना।
    • किसानों को फसल विविधीकरण के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देना।
    • जल संरक्षण को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना।
    • पानी की बचत के लिए सिंचाई प्रणालियों का सुधार और सौर ऊर्जा से संचालित जलापूर्ति प्रणालियों को बढ़ावा देना।

4. जल संरक्षण योजनाएँ

  • शुरुआत: 2020 (मुख्य जल संरक्षण योजनाएँ हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई हैं)
  • उद्देश्य:
    • राज्य में जल संसाधनों का उचित उपयोग और संरक्षण सुनिश्चित करना।
    • वर्षा के पानी को संरक्षित करने के लिए जल संचयन प्रणाली स्थापित करना।
    • भूमिगत जल स्तर को पुनः बढ़ाने के लिए तकनीकी उपायों को अपनाना।
    • किसान और ग्रामीण क्षेत्रों में जल की बचत के लिए जागरूकता अभियान चलाना।
    • पानी के पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए जलवायु अनुकूलन उपायों को लागू करना।

रोजगार और आर्थिक सुधार योजनाएँ

1. हरियाणा कौशल रोजगार निगम

  • शुरुआत: 2017
  • उद्देश्य:
    • राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कौशल प्रशिक्षण देना।
    • युवाओं को औद्योगिक मांग के अनुसार रोजगार योग्य कौशल सिखाना।
    • युवाओं को सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार दिलाने में मदद करना।
    • व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना।

2. हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति

  • शुरुआत: 2015
  • उद्देश्य:
    • राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देना और छोटे तथा मध्यम व्यवसायों को प्रोत्साहित करना।
    • नए उद्योगों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता और कर में छूट प्रदान करना।
    • स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन के लिए उद्योगों को आकर्षित करना।
    • राज्य में बेरोजगारी की दर को कम करना और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।

3. हरियाणा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA)

  • शुरुआत: 2005 (केंद्र सरकार की योजना, हरियाणा में लागू)
  • उद्देश्य:
    • ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना।
    • हर ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का रोजगार प्रदान करना।
    • ग्रामीण विकास कार्यों के माध्यम से बुनियादी ढांचे का निर्माण और कृषि उत्पादकता में सुधार करना।
    • ग्रामीण रोजगार को स्थिर और सतत बनाना।

4. मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना

  • शुरुआत: 2021
  • उद्देश्य:
    • राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • परिवारों की आय में वृद्धि करने के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना।
    • ग्रामीण और शहरी गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण देना।
    • परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए समग्र विकास योजनाएँ लागू करना।

5. शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन (NULM)

  • शुरुआत: 2013 (केंद्र सरकार द्वारा शुरू, हरियाणा में लागू)
  • उद्देश्य:
    • शहरी गरीबों को रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना।
    • शहरी क्षेत्रों में गरीबी को समाप्त करना और गरीबों की जीवनस्तर में सुधार करना।
    • गरीबों के लिए आय सृजन गतिविधियों, कौशल विकास प्रशिक्षण, और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों के लिए आवासीय और स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करना।

विशेष श्रेणी योजनाएँ

1. पैरा-लीगल वॉलंटियर स्कीम

  • शुरुआत: 2017
  • उद्देश्य:
    • समाज के कमजोर वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए पैरा-लीगल वॉलंटियरों का नेटवर्क स्थापित करना।
    • लोगों को कानूनी अधिकारों, प्रक्रियाओं और न्याय के बारे में जागरूक करना।
    • विशेषकर गरीब, पिछड़े वर्गों, महिलाओं, और बच्चों को न्याय की सुलभता सुनिश्चित करना।
    • कानूनी सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए समुदाय में वॉलंटियरों का सहयोग प्राप्त करना।

2. हरियाणा परिवहन मित्र योजना

  • शुरुआत: 2018
  • उद्देश्य:
    • सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में यात्रियों को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करना।
    • परिवहन के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए परिवहन मित्रों की नियुक्ति करना।
    • यात्रियों की शिकायतों और सुझावों को सुनना और उनका समाधान करना।
    • सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना।

3. निर्माण श्रमिक कल्याण योजना

  • शुरुआत: 2006
  • उद्देश्य:
    • निर्माण श्रमिकों को उनके अधिकारों और कल्याण के लिए वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
    • श्रमिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, दुर्घटना बीमा, और पेंशन जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराना।
    • निर्माण श्रमिकों की भलाई के लिए रोजगार सुरक्षा और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना।
    • श्रमिकों के परिवारों के लिए विभिन्न लाभ योजनाओं को लागू करना।

4. हैप्पी कार्ड योजना

  • शुरुआत: 2021
  • उद्देश्य:
    • आर्थिक सहायता: राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें।
    • सुविधाओं तक पहुंच: कार्ड धारकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ, जैसे कि खाद्य सामग्री, स्वास्थ्य सेवाएँ, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके।
    • संपर्क में रहना: राज्य सरकार और लाभार्थियों के बीच बेहतर संपर्क और जानकारी की आपूर्ति को बढ़ावा देना।

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