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अगर आपके पास हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Geographical structure of Haryana), से सम्बंधित कोई जानकारी है, जानकारी अधूरी रह जाती है या फिर हमारी जानकारी में कोई गलती है तो कृपा आप हमारे कॉमेंट बॉक्स में सांझा कर सकते है।
![हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Geographical structure of Haryana)](https://haryanamagazine.com/wp-content/uploads/2024/12/Geographical-Structure-of-Haryana-1024x537.jpg)
हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna)
हरियाणा भारत का राज्य है, जो उत्तर पश्चिम में स्थित है हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है। यह वह राज्य है जो न किसी देश को छूता है और न ही इसकी सीमायें किसी सुमद्र को छूती हैं। सलिए हरियाणा एक स्थल अवरुद्ध राज्य है। इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश, उत्तर – पश्चिम में पंजाब की सीमाएं व दक्षिण पश्चिम में राजस्थान की सीमाएं लगती है। दक्षिण-पूर्व में केंद्र शाषित राज्य दिल्ली है। हरियाणा के पूर्व में यमुना नदी उत्तरप्रदेश व हरियाणा की सीमायें निर्धारित करती है। हरियाणा की आकृति विषमबाहु चतर्भुज जैसी है इसका क्षेत्रफल 44212 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल क्षेत्रफल का 1.34% है।
यह क्षेत्रफल के अनुसार यह भारत का 20वा सबसे बड़ा राज्य है लेकिन हरियाणा राज्य 1 नवंबर 1966 को, 17वे राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। हरियाणा की स्थिति उत्तरी राज्य भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पंजाब के मैदान के दक्षिणी भाग में 27०39’ उत्तरी अक्षांश से 30०55’5’’ उत्तरी अक्षांश तथा 74०28’ से पूर्वी देशांतर से 77०36′ पूर्वी देशांतर के बीच है।
हरियाणा का सबसे बड़ा भाग मैदानी भाग या समतल भाग है जो कुल क्षेत्रफल का 93.7% है।
हरियाणा की समुन्द्र तल से ऊंचाई 200 से 300 मीटर है यानि 700 से 900 फुट है।
हरियाणा के सीमावर्ती राज्य
- हरियाणा के उत्तर पश्चिम मे पंजाब, चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश , उत्तर मे हिमाचल प्रदेश, पूर्व मे उत्तर प्रदेश और यमुना नदी,दक्षिण-पूर्व में दिल्ली, उत्तर-पूर्व में उत्तराखंड और पश्चिम और दक्षिणी-पश्चिम मे राजस्थान स्थित है।
- यमुनानगर हरियाणा के एकमात्र जिला है, जो हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड, इन 3 राज्यों के साथ अपनी सीमा बनता है।
- हरियाणा के साथ सर्वाधिक सीमा (1262 KM) बनाने वाला राज्य राजस्थान है।
- हरियाणा के साथ न्यूनतम सीमा (KM) बनाने वाला राज्य हिमाचल प्रदेश।
- हरियाणा की सीमा को स्पर्श करने वाला केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और चंडीगढ़ हैं।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से हरियाणा का सबसे बड़ा जिला सिरसा (4277 वर्ग किलोमीटर) है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से हरियाणा का सबसे छोटा जिला फरीदाबाद (741वर्ग किलोमीटर) है।
हरियाणा का भौगोलिक क्षेत्र
भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा को तीन इकाइयों में बांटा गया है जिसका वर्णन नीचे विस्तार से दिया गया है।
कुरुक्षेत्र
यह क्षेत्र 28 डिग्री 30’ उत्तरी अक्षांश तथा 76 डिग्री 21’ से 70 डिग्री पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है इसके अंतर्गत करनाल व जींद जिले का क्षेत्र आता है।
हरियाणा
यह क्षेत्र 29 डिग्री 30’ उत्तरी अक्षांश के मध्य स्थित है इसके अंतर्गत हांसी, फतेहाबाद व हिसार, भिवानी और रोहतक जिले के भाग सम्मिलित हैं और इन क्षेत्रों में जाटों की अधिक लोकप्रियता है इसीलिए इन क्षेत्रों को जटियात क्षेत्र के नाम से जानते है।
भटियाना
यह क्षेत्र फतेहाबाद और भट्टू क्षेत्रो के मध्य स्थित है। इस पर प्राचीन काल से भाटी राजपूतों का अधिकार रहा है। इसीलिए इसका नाम भटियाना पड़ा।
हरियाणा की भौगोलिक संरचना
हरियाणा की ऊंचाई समुन्द्र तल से लगभग 200 से 300 मीटर है जिसे घग्घर यमुना का मैदान कहाँ इन मैदानों मे टीलों को ठूंठ कहाँ जाता है डा जसबीर सिंह ने अपनी पुस्तक An Agricultural Geography Of Haryana मे हरियाणा की भौगोलिक सरंचना को 8 भागों मे बाँटा गया है जिनका वर्णन नीचे दिया गया है।
शिवालिक का मैदान
- शिवालिक की पहाड़ियां हरियाणा के उत्तरी पूर्वी भाग में स्थित है जिसमें हरियाणा के पंचकूला, अम्बाला और थोड़ा बहुत यमुनानगर जिले सम्मिलित है
- शिवालिक की पहड़िया हरियाणा मे कुल क्षेत्रफल का 1.67% तक फैली हुई है
- इन पहाड़ियों की ऊंचाई समुन्द्र तल से 900 से 1200 मीटर तक है इन पहाड़ियों से घग्घर, मारकण्डा, टांगरी नदी निकलती है
- इन्ही पहाड़ियों में से पंचकूला की सबसे ऊंची चोटी स्थित है जिसका नाम करोह है और इसकी ऊंचाई 1514 मीटर है यह पंचकूला जिले के मोरनी में स्थित है जिसे हरियाणा में पहाड़ो की रानी के नाम से जाना जाता है
- इन पहाड़ियों में से बजरी, रेत व सीमेंट पाई जाती है और इन्हें 2 श्रेणियों में बांटा हया है
- उच्च श्रेणियां: इसके अंतर्गत मोरनी हिल्स की पहाड़िया सम्मिलित है जिसकी ऊंचाई 600 मीटर से अधिक होती है
- निम्न श्रेणियां: इनमे वे पहड़िया सम्मिलित होती है जिनकी ऊंचाई 400 से 600 मीटर तक होती है
गिरिपाद का मैदान
- यह शिवालिक के दक्षिण मे स्थित 25 किलोमीटर चौड़ी पट्टी के रूप मे फैला हुआ है इसे स्थानीय भाषा मे इसे घर कहाँ जाता है इसकी मिट्टी को स्थानीय भाषा मे चो भी कहा जाता है
- इसके अंतर्गत पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर आदि जिले सम्मिलित है ई जिलों से घग्घर व मारकंडा नदी निकलती है
- इनकी ऊंचाई 300 से 375 मीटर तक है
जलोढ़ का मैदान
- जलोढ़ के मैदान शिवालिक से लेकर अरावली तक और यमुना नदी व घग्घर नदी के बीच होते हुए उच्च भूमि वाले मैदानों को जलोढ़ का मैदान कहाँ जाता है
- इसे स्थानीय भाषा मे बांगर का मैदान भी कहा जाता है और नई जलोढ़ मिट्टी को खादर कहते है
- इनकी औसत ऊंचाई 220 से 280 मीटर तक है
- इन मैदानों से मारकंडा, सरस्वती व चोटांग नदी निकलती है
- इसके अंतर्गत करनाल, पानीपत, सोनीपत व रोहतक जिले सम्मिलित होते है
बालू के टिब्बे का मैदान
- ये मैदान पश्चिम मे हरियाणा व राजस्थान तक फैला हुआ है और दक्षिण मे सिरसा से लेकर फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, झज्जर आदि जिलों तक फैला हुआ है
- इस मैदानों मे राजस्थान से आने वाली गर्म हवा लगातार कच्छ की और से लाई गई बालू मिट्टी लेकर आती है जिससे बालू के टिले का निर्माण हुआ हैं
- इन टीलों के बीच मे निम्न स्तर पर ताल पाए जाते है और जब वर्षा आती है तो ये छिछली झील बन जाती है जिसे ठूठ या बावड़ी कहा जाता है
- इनकी ऊंचाई लगभग 3 से 15 मीटर तक होती है
बाढ़ का मैदान
- यमुना नदी से लगते जिले, यमुनानगर, करनाल, पानीपत व फरीदाबाद आदि इलाकों मे हर साल बाढ़ आती है जिसे बाढ़ का मैदान कहाँ जाता है
- जिसे बेट या नाली कहा जाता है ये मारकंडा व घग्घर नदी से बनाए गए है
अरावली का मैदान
- हरियाणा के दक्षिण पश्चिम मे अरावली की पहड़िया स्थित है जिनकी ऊंचाई 225 से 500 मीटर से अधिक होती है
- हरियाणा का कुल क्षेत्रफल का 3.9% भाग अरावली क्षेत्र मे विस्तृत है
- इसमे ढोसी की पहाड़ी व तोशाम की पहड़िया व मेवात की पहड़िया अरावली क्षेत्र के अंतर्गत आती है
- हरियाणा के दक्षिण मे नारनौल मे स्थित कुलताजपुर गाँव मे सबसे ऊंची पहाड़ी है जिसकी ऊंचाई 652 किलोमीटर है
- इन पहड़ियों से चुना व स्लैट निकलता है
- जब वर्षा कम होती है तो इन पहाड़ियों से काँटेदार वृक्ष व झाड़ियाँ निकलती है
तरंगित बालू का मैदान
- यह राजस्थान राज्य से लगते जिलों वाले मैदानों को बालू का मैदान कहा जाता है जहां पर रेतली मिट्टी जयद पाई जाती है
- यह महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व गुरुग्राम जिलों के क्षेत्रों तक फैला हुआ है
- इसे स्थानीय भाषा मे बांगर के नाम से भी पुकारा जाता है
अनकई दलदल का मैदान
- यह हरियाणा राज्य का सबसे कम ऊंचाई वाला क्षेत्र है जो सिरसा जिले मे फैला हुआ है
- इसकी ऊंचाई 200 मीटर से भी कम है
नोट: कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा हरियाणा की भौगोलिक सरंचना को 5 भागों मे बाँटा गया है जिसका वर्णन नीचे दर्शाया गया है
- जलोढ़ का मैदान
- रेतीले मैदान
- शिवालिक क्षेत्र
- अरावली क्षेत्र
- फुट हिल जोन
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna)
- हरियाणा का सबसे उतरी गाँव है: शाहपुर , पंचकुला
- हरियाणा का सबसे दक्षिणी गाँव है: दोहा, मेवात
- हरियाणा का सबसे पूर्वी सीमा पर बसा गाँव: ताजेवाला, यमुनानगर
- हरियाणा का पश्चिमी गाँव: चौटालाहरियाणा की भौगोलिक संरचना
- हरियाणा की सबसे ऊंची चोटी: करोह 1514 मीटर
- हरियाणा की सबसे ऊंची चोटी: करोह 1467 है, ऐसा माना जाता है की ये इसकी वास्तविक ऊंचाई है
- हरियाणा की सबसे ऊंची पहड़िया: मोरनी की पहाड़ी
- पहाड़ों की रानी: मोरनी की पहाड़ी
- हरियाणा मे सबसे कम ऊंचाई वाला क्षेत्र: सिरसा
- मारकंडा नदी से निकले बढ़ के मैदान: बेट
- घग्घर नदी से निकले बढ़ के मैदान: नाली
- हरियाणा के दक्षिण पश्चिम मे सबसे ऊंची चोटी: कुलताजपुर गाँव मे स्थित है जिसकी ऊंचाई 652 मीटर है
- हरियाणा राज्य की भू ग्रभिक सरंचना कसी कल मे की गई: मैसोजोइक काल मे
- किस भू गर्भिक काल में हरियाणा राज्य में नदी, नाले,पहाड़ आदि का सुचारू रूप से निर्माण: केनेजोइक काल
- अनकई दलदल हरियाणा के किस जिले मे पाया जाता है: सिरसा
- अरावली शुष्क पहाड़ी कौन से क्षेत्र का हिस्सा: राजस्थान
- हरियाणा का सर्वाधिक शुष्क क्षेत्र: महेंद्रगढ़
आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दो गई जानकारी हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Geographical structure of Haryana) होंगे और अधिक जानकारी लेने के लिए हमारे साथ जुड़िये