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हरियाणा के प्रसिद्ध साँगी ( Famous Sangi of Haryana)
हम देशी भाषा मे हम सांग कहते है लेकिन हिन्दी मे सांग को स्वाँग कहा जाता है जिसका अर्थ होता है कि: व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य रूप से नकल करना या नाटक करना, हरियाणा मे यह सबसे ज्यादा प्रचलित है और हरियाणा के साथ साथ यह राजस्थान व उत्तरप्रदेश मे भी काफी प्रसिद्ध है
हरियाणा मे सबसे बड़ा साँगी अगर हम किसी को कह सकते है तो वो है पंडित लखमीचंद है इन्हे हरियाणा का सूर्य कवि कहा जाता है और इन्हे सांग सम्राट की उपाधि भी मिली हुई है ये हरियाणा मे प्रसिद्ध साँगी मे से एक है
इन्हे हरियाणा का कालिदास व हरियाणा का शेक्सपेयर भी कहा जाता है तो आइए पढ़ते है हरियाणा के प्रसिद्ध साँगी ( Famous Sangi of Haryana) के बारे मे विस्तारपूर्वक…
हरियाणा के प्रसिद्ध साँगी व स्वाँग
1.पंडित लख्मी चंद
- इनका जन्म जाटी कला (सोनीपत) सन 1903 में हुआ था
- सूर्य कवि के नाम से प्रसिद्ध थे
- हरियाणा के “लोककला सम्राट” के साथ साथ इनको “संगीत का तानसेन”, “सूफी दर्शन की मीरा” और सम्पूर्ण कविता का कालिदास” भी कहा जाता था
- इनके गुरु मान सिंह थे
- इनके दो शिष्य थे: मांगे राम और फजी मेहर सिंह
- दीपचन बहमन के बाद हरियाणा के दुसरे संगीतज्ञ हैं
- इन्हें हरियाणा का शेक्ष्पियर भी कहा जाता है
- इनकी मृतु सन 1948 में हो गयी थी
प्रसिद्ध सांग या रचनाएँ
- उरवा अनिरुद्ध व नल-दमयंती, शकुंतला,गोपीचंद, हरिश्चंद्र,राजा भोज, भरथरी, द्रोपति-चीरहरण, कीचड़ विराट,सत्यवान सावित्री प्रमुख हैं।
2. किशनलाल भाट
- हरियाणा में सांग की शुरुवात सन1730 के लगभग ही थी से हुई थी
- इनका सम्बन्ध मेरठ (उत्तरप्रदेश) से था
- हरियाणा में सांग इन्होने ही प्रारंभ किया था
प्रसिद्ध सांग या रचनाएँ:
- नौटंकी, हीर-रांझा, लैला-मजनू।
3. दीपचंद बहमन
- किशनलाल भाट के बाद दुसरे सांगी थे
- हरियाणा में जन्मे पहले सांगी थे
- हरियाणा में सर्वाधिक प्रसिद्ध नाम इनका ही था
- इनका सम्बन्ध खेरी खादां (सोनीपत) से है
- इनके गुरु का नाम छज्जू राम था
प्रसिद्ध सांग या रचनाएँ:
- नल- दमयंती, राजा भोज,ज्यानी चोर, हरिश्चंद्र,सोरठ, सरणदे व उत्तानपाद
3. अलीबक्श खां
- अली बक्श का सम्बन्ध रेवाड़ी जिले से था
प्रसिद्ध सांग या रचनाएँ:
- अलवर का सततनामा, नल का छडाव, राजा नल का बगदाव, फिसाना, पद्मावत, कृष्ण लीला, निहालदे, महाराजा शिवदान सिंह का बारहमासा,चन्वद्रावल व गुलाब काबली
3. पंडित नेतराम
- इनका प्रथा सांग शीला सेठानी माना जाता है
4. मांगेराम
- इनका जन्म सीसाना (सोनीपत) गाँव में हुआ था
प्रसिद्ध सांग या रचनाएँ:
- क्रिशन जन्म, ध्रुव भगत, नवरत्न, दुष्यंत शकुंतला
इनके अलावा कुछ प्रसिद्ध सांगी व उनके सांग
नाम | प्रमुख स्वाँग |
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गोवर्धन सारस्वत | कृष्ण लीला,दिलावर ,महाभारत,जसवंत सिंह |
बाजे भगत | जमाल और चंद्राकिरण,ज्यानी चोर |
कृष्ण गोस्वामी | बुधामल, दिलावर, बिशनो व गुलाबकावली |
हरदेव | ज्यानी चोर, हीर रांझा व चंद्राकिरण |
पंडित शंकर लाल | प्रह्लाद,भूरा बादल, पद्मिनी,मोरध्वज |
धनपत सिंह | पूरणमल, ज्यानी चोर,बनदेवी बाल लीलो-चमन इनके मुख्य स्वांग है |
मांगेराम | दुष्यंत शकुंतला,नवरत्न, ध्रुव भक्त व कृष्ण जन्म इसके मुख्य स्वांग रहे हैं |
समरूपचंद | चीर पर्व, ज्यानी चोर,सरणदे, रतनसेन, वन पर्व, उत्तानपाद व जमाल गबरु, महाभारत, पद्मावत |
अहमद बख्श | जयमल पत्ता व गुग्गा,कंस लीला, रामायण, चंद्रकिरण नवलदे, सोरठ, चौहान |
बालकराम | शीलांदे व राजा गोपीचंद,पूर्ण भक्त,रामायण, कुंजडी |
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