प्रिय पाठकों, आज हम Haryana Magazine की टीम के माध्यम से आज हम आपके लिए हरियाणा की संगीत कला (Famous Musical Art of Haryana) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर आए है, जिससे आप आने वाले HSSC, SSC, Bank Jobs आदि अनेक प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकते है।
अगर आपके पास हरियाणा की संगीत कला (Famous Musical Art of Haryana) से सम्बंधित कोई जानकारी है, जानकारी अधूरी रह जाती है या फिर हमारी जानकारी में कोई गलती है तो कृपा आप हमारे कॉमेंट बॉक्स में सांझा कर सकते है।
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हरियाणा की संगीत कला ( Famous Musical Art of Haryana)
हरियाणा का संगीत मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है जैसे: शास्त्रीय लोक संगीत और देसी लोक संगीत, हरियाणा देश में अद्वितीय राज्यों में से एक है। किसी भी राज्य के विकास में कला का महत्वपूर्ण योगदान होता है इसीलिए हरियाणा राज्य की संस्कृति व लोक नृत्य बहुत प्रसिद्ध है, खासतौर पर हरियाणा राज्य का संगीत व हरियाणा की रागनिया पूरे भारत देश मे प्रसिद्ध है तो आए देखते है किन किन स्थानों पर हरियाणा की संगीत कला छाई हुई है
मध्यकाल मे हरियाणा के संगीतकारों मे से प्रसिद्ध संगीतज्ञ महात्मा सूरदास नाम अग्रणी है इनका जन्म फरीदाबाद की सिंही नामक स्थान पर सन 1478 ई. में हुआ था सूरदास मुगल बादशाह अकबर के समकालीन थे और उनके पहले गुरु वल्लभचार्य थे जबकि दूसरे गुरु हरीदास थे इन दोनों गुरुओ से ही सिक्षा ग्रहण की थी वल्लभचार्य ने सूरदास को मथुरा के श्री नाथ मंदिर का प्रधान बनाया था जहाँ पर इन्होने श्रीकृष्ण की रचना की शुरुवात की थी
हरियाणा मे संगीत कला का प्राचीनतम साक्ष्य यमुनानगर जिले की सुध नामक स्थान पर मिला था सुध नामक स्थान से दूसरी शताब्दी की एक मूर्ति प्राप्त हुई थी जिसमे कुछ संगीतकार एक बैलगाड़ी मे बैठे दिखाई दिए है
हिसार के अग्रोहा नामक स्थान पर 9 वी शताब्दी की एक ईंट मिली थी जिसके ऊपर सा रे गा मा पा धा नि सा लिखा हुआ था
हरियाणा मे 9 वी शताब्दी मे शास्त्रीय संगीत प्रचलित था यहाँ से प्राप्त मृदभांड (मिटटी के बर्तन) पर संगीत के कुछ स्वर अंकित थे
प्रसिद्ध ख्याल गायक कल्लन खान का संबंध रेवाड़ी जिले के जोगी गुड़ियानी नामक जगह से था इनके गुरु ग्वालियर घराने की प्रसिद्ध ख्याल गायक होददु खान थे कल्लन खान के पुत्र हाजिफ खान भी एक प्रसिद्ध ख्याली गायक थे इन्होने पहले मैसूर और बाद में इंदौर के दरबार की शोभा बधाई थी
अपचल दिल्ली घराने से सम्बन्ध रखते थे यह तरनस खान के गुरु थे अपचल उत्तर मुगल काल के तराना, चतुरराग-सरगम गायक थे
उत्तर मुगल काल मे प्रसिद्ध गजल गायिका जोहरा बाई हरियाणा के अंबाला जिले से प्रसिद्ध हुई थी
आधुनिक समय के प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकार पंडित जसराज का जन्म फतेहाबाद के पीली मंदोरी मे हुआ था लेकिन जब इनका जन्म हुआ था तब फतेहाबाद जिला हिसार के अंतर्गत आता था
पंडित जसराज को पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है
स्वर सम्राट की उपाधि पंडित जसराज को प्राप्त हुई है
प्रसिद्ध स्वाँगी पंडित लखमीचंद का जन्म सोनीपत जिले मे हुआ था
हरियाणा का जींद जिले मे गांवों के नाम संगीत सुरों पर है
द्रोपदी चीरहरण के स्वाँगी पंडित लखमीचंद है