back to top
Wednesday, February 12, 2025
HomeCurrent Affairs‘जॉय बांग्ला’ अब नहीं होगा बांग्लादेश का राष्ट्रीय नारा: सुप्रीम कोर्ट

‘जॉय बांग्ला’ अब नहीं होगा बांग्लादेश का राष्ट्रीय नारा: सुप्रीम कोर्ट

य बांग्ला’ अब बांग्लादेश का राष्ट्रीय नारा नहीं होगा। बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। बांग्लादेश हाईकोर्ट ने एक आदेश में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के लोकप्रिय जॉय बांग्ला को देश का राष्ट्रीय नारा घोषित किया था।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाईकोर्ट के 10 मार्च 2020 के फैसले के खिलाफ दो दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की थी। मामले में मुख्य न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने आदेश पारित किया। आदेश में कहा गया कि राष्ट्रीय नारा सरकार के नीतिगत निर्णय का मामला है और न्यायपालिका इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सुनवाई में सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अनीक आर हक ने कहा कि इस आदेश के बाद जॉय बांग्ला को राष्ट्रीय नारा नहीं माना जाएगा।

यह था हाईकोर्ट का फैसला

उच्च न्यायालय ने 10 मार्च 2020 को ‘जॉय बांग्ला’ को देश का राष्ट्रीय नारा घोषित किया था। कोर्ट ने सरकार को आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया था ताकि नारे का इस्तेमाल सभी राज्य समारोहों और शैक्षणिक संस्थानों की सभाओं में किया जा सके। इसके बाद 20 फरवरी 2022 को हसीना के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने इसे राष्ट्रीय नारे के रूप में मान्यता देते हुए एक नोटिस जारी किया और अवामी लीग सरकार ने 2 मार्च 2022 को एक गजट अधिसूचना जारी की।

विवाद और प्रतिक्रिया

  • सरकार का रुख: सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय नारा एक नीति निर्णय है और इस प्रकार के मामलों पर न्यायिक निर्णय कार्यकारी प्राधिकरण में हस्तक्षेप करते हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश: अपीलीय डिवीजन ने कहा कि ‘जॉय बंगला’ को राष्ट्रीय नारा के रूप में नहीं माना जा सकता।
  • विपक्ष की प्रतिक्रिया: आलोचकों का कहना है कि ‘जॉय बंगला’ को हटाना और अन्य प्रतीकों में बदलाव शेख मुजीबुर रहमान की धरोहर को कमजोर कर रहा है, जिन्हें राष्ट्रपिता के रूप में सम्मानित किया जाता है।

परिवर्तनशील संदर्भ

  • बांगलादेश के मुद्रा नोटों पर बंगबन्धु की छवि हटाई गई: बांगलादेश बैंक ने जुलाई 2024 के छात्र विद्रोह को दिखाने वाले नए नोटों की छपाई शुरू की, लेकिन इनमें शेख मुजीबुर रहमान की छवि को शामिल नहीं किया।
  • 15 अगस्त की छुट्टी रद्द: अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद ने शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के दिन, 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में समाप्त करने का निर्णय लिया।
  • राजनीतिक पुनर्व्यवस्था: ये कदम नए प्रशासन के तहत राष्ट्रीय कथाओं में व्यापक बदलाव को दर्शाते हैं।

अतिरिक्त निर्णय

  • शोक दिवस पर अलग निर्णय: 1 दिसंबर 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट के एक अन्य निर्णय को भी स्थगित कर दिया, जिसमें 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस और सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाने का आदेश दिया गया था।
Note – The above given information has been published only after checking it once or twice. if there is still any error in the given information, then comment us below box so that we can correct the information.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Follow Us -

10,000FansLike

Most Popular

Recent Comments