एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत के GDP विकास अनुमान को FY25 के लिए 7% से घटाकर 6.5% और FY26 के लिए 7.2% से घटाकर 7% कर दिया है। इस संशोधन का कारण कमजोर औद्योगिक उत्पादन, धीमी सार्वजनिक पूंजी खर्च, और कड़ी मौद्रिक नीतियाँ बताई जा रही हैं।
Q2FY25 में GDP विकास दर घटकर 5.4% पर आ गई, जबकि पिछले तिमाही में यह 6.7% थी, जिससे इन अनुमानों पर प्रभाव पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी FY25 के लिए अपनी विकास दर 6.6% तक घटाई है। हालांकि, चुनौतियों के बावजूद, कृषि उत्पादन में मजबूती, सेवाओं क्षेत्र में लचीलापन और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भारतीय अर्थव्यवस्था का समर्थन किया है।
संशोधन के प्रमुख कारण
- औद्योगिक और सार्वजनिक क्षेत्र की कमजोरी: कमजोर औद्योगिक वृद्धि, सुस्त सार्वजनिक पूंजी खर्च और असुरक्षित ऋणों के लिए कड़े नियमों ने विकास को सीमित किया है।
- मौद्रिक नीति का प्रभाव: महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मौद्रिक नीतियों ने निजी निवेश और आवास की मांग को प्रभावित किया है।
महंगाई का अनुमान
ADB ने FY25 के लिए महंगाई का अनुमान 4.7% पर बरकरार रखा है, जबकि FY26 के लिए इसे घटाकर 4.3% कर दिया है, जिससे ऊर्जा महंगाई पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का प्रभाव दिखेगा।
दक्षिण एशिया का विकास अनुमान
भारत में मंदी के कारण, दक्षिण एशिया का क्षेत्रीय GDP अनुमान 2024 में 5.9% और 2025 में 6.3% कर दिया गया है।
सकारात्मक संकेत
- कृषि और सेवाओं में लचीलापन: कृषि (3.5%) और सेवाओं (7.1%) क्षेत्र में विकास से अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिल रही है।
- अनुकूल आर्थिक रुझान: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, मजबूत शहरी श्रमिक बल की भागीदारी, और सकारात्मक PMI संकेतक अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शाते हैं।