प्रिय पाठकों, आज हम Haryana Magazine की टीम के माध्यम से आज हम आपके लिए हरियाणा में सिंचाई एवं उसके स्रोत (Sources of Irrigation in Haryana) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी लेकर आए है, जिससे आप आने वाले HSSC, SSC, Bank Jobs आदि अनेक प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकते है।
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![हरियाणा मे प्रमुख नहरे व सिंचाई परियोजना (Canal and Irrigation in Haryana)](https://haryanamagazine.com/wp-content/uploads/2024/12/हरियाणा-मे-प्रमुख-नहरे-व-सिंचाई-परियोजना-Canal-and-Irrigation-in-Haryana-1024x576.jpg)
हरियाणा मे प्रमुख नहरे व सिंचाई परियोजना (Canal and Irrigation in Haryana)
हरियाणा मे प्रमुख नहरे:
हरियाणा मे दो तरीके से ही सिंचाई की जाती है नहरों से और नलकूपों या टयूबेल से इसके साथ ही 42% सिंचाई नहरों से की जाती है और 57 % सिंचाई नलकूपों या टयूबेलों से की जाती है तो आइए पढ़ते है हरियाणा मे प्रमुख नहरे व सिंचाई परियोजना (Canal and Irrigation in Haryana)
यहाँ आपको हरियाणा की मूरख नहरे के बारे मे बताया जाएगा और किस किस जिले मे नहरों से सिंचाई की जाती है
[wp_ad_camp_2]पश्चिमी यमुना नहर
यह हरियाणा की सबसे प्रमुख नहर है और यह यमुनानगर के ताजेवाला नामक स्थान से निकलती है
इसकी लंबाई 3226 किमी है यह रोहतक करनाल सोनीपत अम्बाला सोनीपत मे सिंचाई करीत है यह राजस्थान व दिल्ली के क्षेत्रों मे भी सिंचाई करती है यह 1351 मे फिरोजशाह तुगलक ने बनवाई थी और हरियाणा सरकार द्वारा 1977 मे इसमे पानी छोड़ा गया था
दिल्ली, हाँसी, सिरसा तीन इसकी प्रमुख शाखाये है
भाखड़ा नहर
इस नहर सतलुज नदी पर स्थित है जहां पर भाखड़ा – नांगल बांध है जो हिमाचल प्रदेश के नांगल नामक स्थान से निकलती है हरियाणा के जिले फतेहाबाद के टोहाना शहर मे प्रवेश करती है इसकी दो प्रमुख शाखा है:
- रवाना: जो जींद और नरवाना के क्षेत्रों मे सिंचाई करती है
- बरवाला: यह फतेहाबाद, रतिया, हिसार और सिरसा के क्षेत्रों मे सिंचाई करती है
इसकी कुल लंबाई 164 किमी है और 1946 मे इसका निर्माण कराया गए और 1954 मे इसमे पानी छोड़ा गया इस भाखड़ा नहर व नांगल बांध बनाने का श्रेय सर छोटू राम को दिया जाता है
[wp_ad_camp_2]जवाहर लाल नहर
इस नहरे की शुरुआत 1976 मे की गई थी और यह भाखड़ा नहर से ही निकली गई नहर है इस नहर से महेंद्रगढ़ भिवानी जिले मे सिंचाई की जाती है
गुरुग्राम नहर
यह दिल्ली के ओखला बैराज नामक स्थान से यमुना नदी पर बांध बनाकर निकाली गई नहर है और यह गुरुग्राम, दिल्ली व फरीदाबाद जिलों मे सिंचाई करती है
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हरियाणा की सिंचाई परियोजना(Canal and Irrigation in Haryana)
जुई परियोजना
यह एक उत्थान सिंचाई परियोजना है जो भिवानी जिले मे की जाती है जहां पर ऊंचे ऊंचे क्षेत्र है वहाँ पर इस नहर का प्रयोग किया जाता है इसकी कुल लंबाई 169 किमी है और 1969 मे शी शुरू किया गए था इस नहर से लगभग 32 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है
[wp_ad_camp_2]लोहारु परियोजना
इसे इंदिरा गांधी उठान परियोजना के नाम से भी जाना जाता है पहले यह भिवानी जिले मे सिंचाई करती थी लेकिन जबसे चरखी दादरी जिला बना तब से यह चरखी दादारी जिले मे भी सिंचाई की जाती है इसकी कुल लंबाई 225 किमी है
भिवानी परियोजना
यह भाखड़ा नहर से ही निकाली गई है इसे बी एन चक्रवती नहर भी कहते है और यह भिवानी जिले मे सिंचाई करती है इसकी कुल लमंबाई 200 किमी है
हथिनिकुंड बैराज परियोजना
यह यमुनानगर जिले मे स्थित है इसका निर्माण 100 साल से भी पुराना है इससे बनाने मे लभभग 200 करोड़ रुपए खर्च हुए है तब जाकर हथिनिकुंड बैराज बना है और इसका प्रयोग ताजेवाला हँडवर्क्स के स्थान पर किया जाता है
नांगल परियोजना
इस परियोजना से अम्बाला जिले के गांवों मे सिंचाई उपलब्ध कारवाई गई थी क्योंकि वहाँ के लोग इसी नहर के सहारे कृषि करते है
[wp_ad_camp_2]JLN उठान परियोजना
इसे जवाहर लाल नहरी सिंचाई परियोजना कहा जाता है और महेंद्रगढ़ जिले मे सिंचाई करती है वहाँ की गांवों मे सूखा पड़ने पर इस नहर का प्रयोग करते है ताकि खरीफ की फसल को बचाया जा सके
सतलुज यमुना लिंक परियोजना
इसे SYL के नाम से भी जाना जाता है जो हरियाणा और पंजाब की सयुक्त परियोजना है इसकी कुल लंबाई 212 किमी है जिसमे 121 किमी पंजाब व 91 किमी हिस्सा हरियाणा के पास है इसके पानी के बँवरे की लिए 24 मार्च 1976 को अधिसूचना जारी कर थी इस लिंक पर सबसे पहले मुद्दा मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता ने उठाया था जो आज भी दोनों राज्यों मे चल रहा है
इन्हें भी पढ़िए: हरियाणा के खनिज संसाधन (Mineral Resources of Haryana)
अन्य हरियाणा मे प्रमुख नहरे व सिंचाई परियोजना(Canal and Irrigation in Haryana)
हरियाणा मे पवन चक्की के विकास के लिए सहयोग देश: जर्मनी और पोलैंड
भाखड़ा बांध के वास्तुकार के रूप मे सर छोटूराम को जाना जाता है
- नेहरू उत्थान परीयोजना
- झज्जर उत्थान परीयोजना
- सांगा नरवाना परीयोजना
- सिवानी लिफ्ट परीयोजना
- वर्तमान मे 42% सिंचाई नहरों से की जाती है और 57 % सिंचाई नलकूपों या टयूबेलों से की जाती है
- पहले 48% सिंचाई नहरों से की जाती है और 51% सिंचाई नलकूपों या टयूबेलों से की जाती है
- सिंचाई विभाग का मुख्यालय: पंचकूला
- उत्तर पूर्वी भाग मे सिंचाई की जाती है: वर्षा द्वारा
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