back to top
Wednesday, February 12, 2025
HomeHaryana GKसल्तनत काल में हरियाणा | Haryana during the Sultanate period

सल्तनत काल में हरियाणा | Haryana during the Sultanate period

सल्तनत काल

  • 1206 ई. में मोहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद उसके गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने भारत में गुलाम वंश या दास वंश की नींव रखी।
  • 1526 ई. तक दिल्ली पर तुर्कों और अफगानों का आधिपत्य रहा।
  • भारतीय इतिहास में इस काल को सल्तनत काल कहा जाता है। दिल्ली सल्तनत में पंजाब, हरियाणा सहित उत्तर भारत का बड़ा भाग शामिल था।

गुलाम वंश

  • कुतुबद्दीन ऐबक (1206-1210) तथा इल्तुतमिश ( 1210-1240 ) के बाद रजिया सुल्तान गुलाम वंश की शासिका बनी।
  •  वह भारत की पहली मुस्लिम शासिका थी।
  • 13 अक्टूबर, 1240 को हरियाणा में कैथल के पास रजिया और उसके पति अल्तूनिया को बन्दी बना लिया गया तथा अगले दिन ही उनकी हत्या कर दी गई।
  • नसिरुद्दीन महमूद ने 1248 ई. में अपने नायब व सेनापति बलबन को मेवातियों के दमन के लिए भेजा, किन्तु बलबन असफल रहा।
  •  मेवातियों का साहस इतना बढ़ गया कि 1257 ई. में हाँसी में बलबन के काफिले पर ही आक्रमण कर दिया।
  • 1260 ई. में बलबन ने एक बार पुनः मेवातियों पर आक्रमण किया।
  • 1263 ई. में बलबन दिल्ली का सुल्तान बना। इससे पूर्व वह हाँसी का इक्तेदार था।
  • उसने मेवात में अराजकता समाप्त करने के लिए वहाँ के जंगलों को कटवा दिया, जिससे विद्रोही मेवातियों के छिपने के स्थान नष्ट हो जाएँ।
  • इसके बाद 1265 ई. में बलबन ने एक विशाल सेना के साथ आक्रमण करके मेवातियों को पराजित किया।

खिलजी वंश

  • बलबन के कमजोर उत्तराधिकारियों के समय हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर विद्रोह हुए। अहीरवाल के अहीर, रोहतक तथा हिसार के जाट तथा उत्तरी हरियाणा के जाटों ने विद्रोह किया।
  • 1290 ई. में खिलजी सरदार जलालुद्दीन ने नए शासन की नींव रखी। 1320 ई. में मुबारक शाह के सेनापति खुसरो शाह ने इस वंश के शासन को समाप्त किया।
  • अलाउद्दीन खिलजी ( 1296-1316) के शासनकाल में मंगोलों ने हरियाणा पर आक्रमण किया। मंगोलों के आक्रमण को हिसार तथा हाँसी में अलाउद्दीन खिलजी के हिन्दू सेनानायक नानक ने विफल किया।

तुगलक वंश

  • खिलजी शासक के लाहौर और दिपालपुर के गवर्नर गाजी मलिक ने तुगलक वंश की स्थापना की। खुसरोशाह तथा गाजी मलिक के सैनिकों के बीच सरसुती के स्थान पर युद्ध हुआ।
  • सरसुती के युद्ध में गाजी मलिक (ग्यासुद्दीन तुगलक ) को हरियाणा के स्थानीय खोखरों का साथ मिला । ग्यासुद्दीन तुगलक को पहला शाही चिन्ह खोखर सरदारों द्वारा प्राप्त हुआ।
  • ग्यासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद मुहम्मद तुगलक ( 1325-1351 ई.) गद्दी पर बैठा। उसके समय हरियाणा में विद्रोह हुए, जिसे दबाने के लिए मुहम्मद तुगलक ने स्वयं सैन्य संचालन किया।
  • मुहम्मद तुगलक के समय इब्नबतूता भारत की यात्रा पर आया था। उसने सिरसा तथा हाँसी को उत्तर भारत के मुख्य शहरों के रूप में वर्णन किया।
  • मुहम्मद तुगलक की मृत्यु के बाद फिरोजशाह तुगलक (1351-1388 ई.) तुगलक वंश का शासक बना।
  • फिरोज ने धार्मिक कट्टरता के कारण हरियाणा के मेवातियों सहित कई हिन्दुओं को जबरन मुसलमान बना लिया।
  • फिरोज ने फतेहाबाद, हिसार फिरोज व सिरसा से 12 मील की दूरी पर एक तीसरा नगर भी बसाया।
  • इसे उसने फिरोजाबाद हरनी खेड़ा का नाम दिया।
  • इसके अतिरिक्त कृषि को उन्नत करने के लिए फिरोज ने यहाँ बहुत- -सी नहरें निकलवाई।

तैमूर का आक्रमण

  • 1398 ई. में ईरान के शासक तैमूर ने भारत पर आक्रमण कर दिया। वह राजस्थान की ओर से हरियाणा में प्रविष्ट हुआ और वह यहाँ लगभग एक महीने रहा।
  • तैमूर ने हरियाणा के रनियां, सिरसा तथा रोहाना को लूटा। उसने कोटिल के पास घग्घर नदी को पार कर करनाल में प्रवेश किया।
  • तैमूर द्वारा नामांकित सैयदों में अपने प्राचीन साम्राज्य को पुनः जीवित करने की न तो योग्यता थी और न ही विश्वास की पराकाष्ठा ।
  • तैमूर की वापसी के उपरांत दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा के जलाल तथा हसन खाँ और उत्तर में कैथल के मोहन सिंह मण्ढार के राज्य अधिक महत्त्वपूर्ण थे। सैयद शासकों ने इन रजवाड़ों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध स्थापित किए।

लोदी वंश

  • सैयदों के बाद लोदी दिल्ली सल्तनत के शासक बने। बहलोल लोदी के काल में हरियाणा को 1451 ई. में सल्तनत का भाग बना लिया गया। सिकन्दर लोदी की धर्मान्धता के कारण कलायत और जीन्द में विद्रोह हुए।
  • इब्राहिम लोदी (1517-26) के शासन तक हरियाणा दिल्ली सल्तनत का अंग बना रहा।
  • इब्राहिम लोदी के क्रोधी और घमण्डी स्वभाव के कारण अन्य प्रान्तों की तरह हरियाणा की जनता भी उससे प्रसन्न नहीं थी ।
  • जब 1526 ई. में पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम लोदी के विरुद्ध युद्ध किया, तो यहाँ के लोग लोदी के विरुद्ध थे।
  •  इस युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
Note – The above given information has been published only after checking it once or twice. if there is still any error in the given information, then comment us below box so that we can correct the information.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Follow Us -

10,000FansLike

Most Popular

Recent Comments